Thursday, January 31, 2013

बेखुदी में सनम.


बेखुदी में सनम....उठ गए जो क़दम.....आ गए....आ गये....आ गए पास हम......आ गए पास हम।
आग ये कैसी मन में लगी है, मन से बढ़ी तो तन में लगी है।

आग नहीं ये दिल कि लगी है, जितनी बुझाई उतनी लगी है।

दिल की लगी न हो तो क्या जिंदगी है, साथ हम जो चले, मिट गए फासले....

आ गए.......

खोई नज़र थी सोये नज़ारे, देखा तुम्हे तो जागे ये सारे।

दिल ने किये जो दिल को इशारे, मिल के चले हम साथ तुम्हारे।

आज ख़ुशी से मेरा दिल ये पुकारे, तेरा दामन मिला प्यार मेरा खिला।

आ गए...

दिल की कहानी पहुंची जुबां तक, किसको खबर अब पहुंचे कहाँ तक।

प्यार के राही आये यहाँ तक, जायेंगे दिल की हद है जहां तक।

तुम साथ दो तो चले हम आसमान तक, दिल में अरमान लिए, लाख तूफ़ान लिए।

आ गए.....

No comments:

Post a Comment