Thursday, January 31, 2013

बेखुदी में सनम.


बेखुदी में सनम....उठ गए जो क़दम.....आ गए....आ गये....आ गए पास हम......आ गए पास हम।
आग ये कैसी मन में लगी है, मन से बढ़ी तो तन में लगी है।

आग नहीं ये दिल कि लगी है, जितनी बुझाई उतनी लगी है।

दिल की लगी न हो तो क्या जिंदगी है, साथ हम जो चले, मिट गए फासले....

आ गए.......

खोई नज़र थी सोये नज़ारे, देखा तुम्हे तो जागे ये सारे।

दिल ने किये जो दिल को इशारे, मिल के चले हम साथ तुम्हारे।

आज ख़ुशी से मेरा दिल ये पुकारे, तेरा दामन मिला प्यार मेरा खिला।

आ गए...

दिल की कहानी पहुंची जुबां तक, किसको खबर अब पहुंचे कहाँ तक।

प्यार के राही आये यहाँ तक, जायेंगे दिल की हद है जहां तक।

तुम साथ दो तो चले हम आसमान तक, दिल में अरमान लिए, लाख तूफ़ान लिए।

आ गए.....

जय माँ भारती


जय माँ भारती ..
आप सभी को गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें |.
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।

देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के


पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंज़िल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के....
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के..

देखो कहीं बरबाद ना होए ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग़ शहीदों ने बाल के, इस देश को...

दुनिया के दांव पेंच से रखना ना वास्ता
मंज़िल तुम्हारी दूर है लम्बा है रास्ता
भटका ना दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के, इस देश को.....

ऐटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना ज़रा देख भाल के, इस देश को....

आराम की तुम भूल भुलय्या में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन होके ना झूलो
अब वक़्त आ गया है मेरे हँसते हुए फूलों
उठो छलाँग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन पे तिरंगा उछाल के, इस देश को...

राधा श्याम की दीवानी


जय श्री कृष्णा राधे राधे .....
तू रंग है मैं हूँ ख़ुशबू
गुल खिलते हैं अपने मिलन से
तेरा मुखड़ा है सामने मेरे
मुझे मतलब नहीं है चमन से
एक अपनी डगर एक अपना नगर
एक अपनी कहानी हो गई
अब है सबके लबों पर ये ताज़ा ख़बर
राधा श्याम की दीवानी हो गई..!!

प्यारी सी मुलाकात


दिल में आपकी हर बात रहेगी,
जगह छोटी है पर आबाद रहेगी,
चाहे हम भुला दें ज़माने को,
पर आपकी यह प्यारी सी मुलाकात हमेशा याद रहेगी...

हितोपदेशः

सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम् । अहार्यत्वादनर्घ्यत्वादक्षयत्वाच्च
सर्वदा ॥ 

-हितोपदेशः 

Among all things knowledge only, they
say, is a supreme treasure because it
cannot be stolen, it is priceless and
always imperishable.